चर्तुविध संघ में ज्ञान, दर्शन, चारित्र एवं तप की आराधना
धार्मिक पाठशाला, शिविर, साहित्य-प्रकाशन, धार्मिक परीक्षाएं, छात्रवृत्ति इत्यादि के माध्यम से मूल्य आधारित शिक्षा व संस्कारयुक्त आचरण को प्रोत्साहन।
धार्मिक शिक्षण हेतु श्रद्धानिष्ठ, समर्पित व चरित्रवान शिक्षक तैयार करना।
स्वाध्यायी की गुणवत्ता को बढ़ाना, शिविर एवं पत्राचार के माध्यम से
विहार सेवा दल का प्रशिक्षण द्वारा सशक्तिकरण।
श्रमणोपासक के माध्यम से ज्ञानवृद्धि, नैतिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक विकास, साथ ही जिनवाणी घर-घर तक पहुँचाना।
जरूरतमंद स्वधर्मी भाई-बहनों को आर्थिक सहयोग प्रदान करना।
चतुर्विध संघ के सुसंगठन में सहयोग।
संघ समृद्धि योजनाओं को बढ़ावा।
सामाजिक कुरीतियों, कुव्यसन, आडम्बर आदि के उन्मूलन हेतु एक उत्क्रान्ति – धर्मदेशना घर-घर तक पहुंचाकर उत्क्रान्ति परिवार के रूप में संकल्पित करवाना।
जीवदया के सेवा कार्यों को प्रवर्तन
इस प्रकार चहुंमुखी गतिविधियों व प्रकल्पों के माध्यम से संघ की उद्देश्य पूर्ति हेतु प्रयासरत रहना।